Blog
02-Jun-2024
परिचय
"2 जून की रोटी" एक साधारण मुहावरा है जो एक संतुलित और नियमित भोजन का प्रतीक है। आयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली, भी संतुलित और नियमित आहार के महत्व पर जोर देती है। खासकर गर्मियों में, जब शरीर की चयापचय दर (मेटाबॉलिक रेट) कम हो जाती है, तब आहार में पुराने और ठंडे अनाज, ताजे फल-सब्जियों और सात्त्विक पेयों को शामिल करना अत्यधिक लाभकारी होता है।
आयुर्वेद और मौसम आधारित आहार
आयुर्वेद के अनुसार, मौसम के अनुसार आहार में बदलाव करना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। गर्मियों में, शरीर को ठंडा रखने और पाचन को सुगम बनाने के लिए विशेष प्रकार के आहार की आवश्यकता होती है।
अनुसंधान आधारित साक्ष्य
मौसम के अनुसार आहार में परिवर्तन: "Seasonal Variations and Health Risk Assessment of Heavy Metals in PM2.5 during Winter and Summer over Xi’an, China" में बताया गया है कि मौसम के अनुसार आहार में परिवर्तन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार आहार: "Journal of Ayurveda and Integrative Medicine" में प्रकाशित शोध के अनुसार, आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार आहार में परिवर्तन से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
पुराने और ठंडे अनाज का महत्व
गर्मियों में पुराने और ठंडे अनाज का सेवन पाचन के लिए हल्का और शरीर के लिए ठंडक प्रदान करने वाला होता है। पुराने अनाज, जैसे कि एक वर्ष पुराने चावल या गेहूं, में पोषक तत्व अधिक होते हैं और ये आसानी से पच जाते हैं। ठंडे अनाज, जैसे जौ और रागी, ज्वार गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं।
अनुसंधान आधारित साक्ष्य
पुराने अनाज का पोषण मूल्य: "International Journal of Food Sciences and Nutrition" में प्रकाशित शोध के अनुसार, पुराने अनाज पोषण में उच्च होते हैं और पाचन के लिए हल्के होते हैं।
ठंडे अनाज का महत्व: "Journal of Ethnic Foods" में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि ठंडे अनाज गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
"2 जून की रोटी" की अवधारणा, जिस में दो समय के मुख्य भोजन में अनाज का सेवन और बाकी समय ताजे फल, सब्जियों और सात्त्विक पेयों का सेवन शामिल है, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से न केवल स्वास्थ्यवर्धक है बल्कि वैज्ञानिक साक्ष्यों द्वारा भी समर्थित है। यह आहार योजना न केवल गर्मियों में शरीर को ठंडा और पाचन को सुगम बनाती है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार करती है।
फल, सब्जियां और सात्त्विक पेय
गर्मियों में ताजे फल और सब्जियों का सेवन न केवल हाइड्रेशन बनाए रखता है बल्कि आवश्यक विटामिन और खनिज भी प्रदान करता है। सात्त्विक पेय, जैसे नारियल पानी, छाछ, और नींबू पानी, शरीर को ठंडा रखते हैं और पाचन को सुगम बनाते हैं।
अनुसंधान आधारित साक्ष्य
- हाइड्रेशन और पोषक तत्वों का महत्व: "Nutrition and Metabolism" में प्रकाशित शोध के अनुसार, ताजे फल और सब्जियों का सेवन गर्मियों में हाइड्रेशन को बनाए रखने और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करता है।
- सात्त्विक पेय के फायदे: "Journal of Ayurveda and Integrative Medicine" में प्रकाशित लेख के अनुसार, सात्त्विक पेय पाचन को सुधारते हैं और शरीर को ठंडा रखते हैं।
- पारंपरिक भारतीय पेय का महत्व: "Indian Journal of Traditional Knowledge" में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि पारंपरिक भारतीय पेय गर्मियों में शरीर को ठंडा और ताजगी प्रदान करते हैं।
References:
2.Journal of Ayurveda and Integrative Medicine
6.Indian Journal of Traditional Knowledge
02-Jun-2024